सरकार साक्ष्य कानून में भी संशोधन पर विचार कर रही है, ताकि अभियुक्तों के खिलाफ जोरदार मामला बनाया जा सके। केंद्रीय कानून और गृह मंत्रालय इस मसले पर मिलकर काम कर रहे हैं। इससे पहले, सरकार संसद के आगामी बजट सत्र में यौन उत्पीड़न विधेयक लाने पर विचार कर रही थी।
लेकिन वरिष्ठ नेताओं का मानना था कि इसमें अधिक समय लग सकता है। ऐसे में विधेयक से पहले अध्यादेश लाने को अधिक उपयुक्त माना गया।
एक वरिष्ठ मंत्री ने यह जानकारी बुधवार को ‘भास्कर’ को दी। उन्होंने कहा कि इसके पीछे सोच यह है कि जब तक सीबीआई राठौर के खिलाफ ‘आत्महत्या के लिए उकसाने’ के मामले में आरोप पत्र दाखिल करे, तब तक कानूनी तौर पर इस मामले में कहीं कोई पेंच बाकी न रह जाए।
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बहुत अच्छी जानकारी है धन्यवाद्
अच्छी जानकारी है धन्यवाद्|
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