भारत में इस समय जगह-जगह लोग सूर्य ग्रहण देख रहे हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इस सदी का सबसे लंबे समय तक चलने वाला सूर्य ग्रहण है.
ऐसा वलयाकार सूर्य ग्रहण है. ऐसा सूर्यग्रहण उस समय होता है जब सूर्य और चंद्रमा एक सीध में होते हैं.
वैसे तो सूर्य ग्रहण भारत में कई जगह से देखा जा रहा है लेकिन सबसे अच्छा दृश्य तमिलनाडु के धनुषकोडि से
दिखाई पड़ रहा है.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे पहले वलयाकार सूर्यग्रहण 22 नवंबर, 1965 को दिखाई पड़ा था और इसके बाद अगला वलयाकार सूर्यग्रहण 21 जून, 2020 के पहले दिखाई नहीं पड़ेगा.
वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने लंबे समय तक चलने वाला सूर्यग्रहण इसके बाद वर्ष 3043 से पहले नहीं दिखाई पड़ेगा.
भारत के अलावा सूर्यग्रहण अफ्रीका, हिन्द महासागर, मालदीव, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया में दिखाई दे रहा है.
वलयाकार सूर्यग्रहण तब लगता है जब चाँद सामान्य की तुलना में धरती से दूर हो जाता है. नतीजतन उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह पूरी तरह सूर्य को ढक ले.
वलयाकार सूर्यग्रहण में चाँद के बाहरी किनारे पर सूर्य रिंग यानी अंगूठी की तरह काफ़ी चमकदार नजर आता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि खाली आँखों से सूर्यग्रहण देखना हानिकारक होता है.
वैज्ञानिक ग्रहण को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं और वे इसे अध्ययन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानते हैं.
सूर्यग्रहण को लेकर कई अंधविश्वास प्रचलित हैं और आमतौर से ग्रहण को अशुभ माना जाता है.
इस दौरान लोग धार्मिक स्थलों में जाते हैं और नदियों और सरोवरों में स्नान करते हैं.
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