पुरे प्रान्त में विकास की बयार बह रही है ऐसा मुख्यमन्त्री नीतिश के साथ साथ मीडिया के सुर भी गा रहे हैं, हम प्रारम्भ से ही कह रहे हैं की विकाश के नाम पर नीतिश बिहारवाशी को छल रहे हैं, धोखा दे रहे हैं मगर अप्रवासी बिहारी जो मूलतः बिहार के हैं, बिहार से एक लगाव भी है मगर बिहार झाँकने नही जाते नीतिश की हांकते जरूर हैं।
इसी विकाश की कड़ी के रूप में प्रस्तुत है ऐतिहासिक लहेरिया सराय स्थित एम् एल एकेडमी का ध्वस्त होता स्कूल। समझ सकते हैं की जातिगत राजनीति से बिहार उबरा नही है अपितु लालू के बाद अब नीतिश नाम का कालिया नाग है जो बिहार को निगलने की परम्परा को आगे बढ़ा रहा है।
स्कूल का प्रसाधन : भवन तो है मगर रास्ता नही विदित हो की स्कूल में छात्र और छात्रा दोनों ही पढ़ते हैं।
स्कूल का विज्ञान भवन जिसमें विज्ञान की पढाई के तमाम संसाधन उपलब्ध हुआ करते थे आज छात्र के लिए रास्ता तक नही, जल जमाव और जंगल के बीच गुम होता स्कूल।
विकाश की बयार : स्कूल का नया भवन पुराने भवन के साथ लगा हुआ। जीर्ण शीर्ण हालत में दोनों ही तो क्या स्कूल के नाम पर सरकारी बंदरबांट जिसमें राज्य का मुखिया बराबर का शरीक।
भवन निर्माण के लिए जर्जर भवन के सामने ईटों का ढेर, ना ही भवन बना न ही स्कूल का मरम्मत हाँ इस नाम पर लाखो की उगाही जरूर की गयी।
यात्रा संस्मरण जारी है..........
मैं आपकी बातों से सहमत हूँ और इन स्कूल कॉलेजों
ReplyDeleteकी स्थिति देखकर तो स्वयं ही समझ में आ जाता है कि
कितना विकास हो रहा है । अप्रवासी बिहारी जो कहें
बिहार में रहने वाले लोग भी नीतिश के विकास की बातें
करते हैं, पता नहीं सिर्फ कुछ सडकों को देखकर कह रहे
है या फिर मीडिया कि वजह से ?
ye haal to aapko har jagah milega........phir chahe bihar ho ya delhi..........sirf delhi ki sadkon ko chakachaundh banae se ya flyover banane se hi sab thik nhi ho jata
ReplyDeletezara delhi ke andar jhankiye........isse bhi jarjar halat milenge.
yaar bada afsos huaa school ki halat dekh ke ...lekin yeh sirf ek namoona hai sirf bihaar hi nahi...bharat main sabhi sarkaron ka yeh haal hai UP main mayawati ne kam gul nahi khilaaye.... achcha hai ki aapne is tarah se logon ko is baat se avgat karaya lekin aise lekh .....samachaar patron main bhi aane chahiye
ReplyDeleteनि:संदेह ये नितीश का डूबता सूर्य है, बिहार की अस्मिता के साथ नितीश का छेड़ छाड़ स्पष्ट दिखाई दे रहा है,
ReplyDeleteआभार इस कोशिश के लिए
बहुत खूब,
ReplyDeleteविकास के बयार का सुन्दर चित्रांकन.
बधाई
प्रतिक्रिया के लिए सभी साथियों को धन्यवाद
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