मुनव्वर आपा ने जिस तरह से मेहनत करी है और नस्तालिक लिपि में ब्लागिंग करने का साहस जुटाया है वह निःसंदेह प्रशंसनीय है। भड़ास के मंच ने लोगों को अपने भीतर दबी कुचली कुंठाओं तक को बाहर उगल कर निर्मल हो जाने का मार्ग दिया है वह सचमुच चमत्कारिक प्रभाव युक्त है। चाहे मुनव्वर आपा हों या मनीषा दीदी इन लोगों को इनके लौह दायरों से बाहर ला पाना भड़ास पर ही संभव हो पाया। जाहिर सी बात है कि इसमें सारे भड़ासियों का एक दूसरे के प्रति असीमित प्रेम आधार बनता है।
सारे भड़ास परिवार की तरफ़ से आदरणीय मुनव्वर आपा को बधाइयां। मुंबई में ये पत्रिका अब तक नहीं आयी है। शायद कल परसों तक आ जाए।
जय मुनव्वर आपा
जय जय भड़ास
3 comments:
nice
आपा और सारी टीम को दिली बधाईयां। मैं इस तस्वीर में नहीं हूं क्योंकि मैं उस समय चाय बना रही हूं। मुनव्वर आपा के लिये इसी तरह ऊंचाईयों पर स्थिर बने रहने की दुआ करती हूं।
जय जय भड़ास
सलाम,
बधाई के क्रम में सबसे पहले रुपेश भाई से शुरू करना चाहूँगा जिन्होंने हम सभी को एक ऐसा मंच दिया जिससे हम अपनी अपनी कहने के लिए आगे आये.
और मुनव्वर आपा को अवध पीपुल्स फोरम की तरफ से ढेर सारा प्यार और बधाई हम सभी उम्मीद करते हैं की आपा ऐसे ही अपनी क्लास चलाती रहेंगी...
आपका हमवतन भाई ...गुफरान...(अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद,अयोध्या)
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