दिल्ली से प्रकाशित इंडिया न्यूज़ साप्ताहिक ने बाबा रामदेव के सच्चाई को दर्शाती एक खोजपरक रपट प्रकाशित की जिसमें रामदेव के योग गुरु से भोग गुरु की और अग्रतर होने की खुल कर खोज परक विवेचना की गयी है, पत्रिका की पत्रकार सुश्री वंदना भदौरिया ने कड़ी मेहनत और खोजी पत्रकारिता कर इस ढोंगी बाबा के हकीकत को उजागर किया मगर...........
सम्पादकीय में पत्रिका के सम्पादक डाक्टर सुधीर सक्सेना ने बाबा के कार्य पर लिखा नीचे चित्रित है जिसमें बाबा के यात्रा का भटकता लक्ष्य पर बेबाक सम्पादकीय लिखा है।
दिल्ली से ही प्रकाशित एक अन्य पत्रिका प्रथम प्रवक्ता में सुमेरू पीठ के शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती ने खुल कर बाबा की मुखालफत की है और कहा है कि ग़रीबों के नाम रामदेव इसका इस्तेमाल व्यापार बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।
रामदेव के शिविरों में प्रवेश के लिए अब भारी शुल्क अदा करना पड़ता है। योग के बाद आयर्वेद को बढ़ावा दे रहे रामदेव बाबा अपने दवाइयों को लेने की सलाह देते हैं जिनका निर्माण उनके विभिन्न कारखानों में होता है और वे दवाइयां बाबा रामदेव की दिव्य योग फार्मेसी के नाम से बेची जाती है।
स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती कहते हैं कि जिस प्रकार विदेशी कंपनियां इस देश को लूट रही हैं उसी प्रकार योग के नाम पर कारोबार करनेवाले कुछ लोग देश का पैसा विदेश ले जा रहे हैं।
बाबा रामदेव का विशेष जारी है.....
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