नदीम जी आपका भड़ास पर हार्दिक अभिनंदन है यदि गुरेज़ न हो तो अपने खूबसूरत से चिट्ठे पर भड़ास की लिंक का डिठौना(काला टीका) लगा लें तो आपके चिट्ठे को बुरी नज़र नहीं लगेगी। वैसे लोग भड़ास की (कु)ख्याति के कारण जुड़ना तो चाहते हैं लेकिन डरते हैं कि जो शराफ़त का झूठा नकाब है उसे उतार कर असल बनना होगा, कम ही कर पाते हैं। आप खुद देखिये भड़ास पर सीधे ई-मेल से पोस्ट करी जा सकती है इसके बावजूद लोग लिखने में हिचकिचाते हैं। जय जय भड़ास
नदीम जी आपका भड़ास पर हार्दिक अभिनंदन है यदि गुरेज़ न हो तो अपने खूबसूरत से चिट्ठे पर भड़ास की लिंक का डिठौना(काला टीका) लगा लें तो आपके चिट्ठे को बुरी नज़र नहीं लगेगी। वैसे लोग भड़ास की (कु)ख्याति के कारण जुड़ना तो चाहते हैं लेकिन डरते हैं कि जो शराफ़त का झूठा नकाब है उसे उतार कर असल बनना होगा, कम ही कर पाते हैं। आप खुद देखिये भड़ास पर सीधे ई-मेल से पोस्ट करी जा सकती है इसके बावजूद लोग लिखने में हिचकिचाते हैं।
ReplyDeleteजय जय भड़ास
भाई नदीम,
ReplyDeleteआपके हो हल्ला यानि कि रांची हल्ला के साथ भड़ास परिवार में स्वागत है.
बाकी भड़ास माता की बातों का भी ख्याल करें.
जय जय भड़ास