शुभ दीपावली
आइये हम सभी मिल कर इस दीपावली में हर उस घर में दिया जलाएं जहाँ सदिओं से अँधेरा है ये एक प्रयास होगा अंधेरों में रहने वाले उन मासूमों के लिए जिनकी तरफ जवाबदेही से हम बचते रहते हैं लेकिन कब तक बचेंगे ये कोई नहीं जानता.आज हर कोई दीपोत्सव के प्रकाश में सब कुछ भूल जाना चाहता है पर वास्तव प्रकाश कुछ देर के लिए ही होता है और फिर अंधकार हम सभी को अपने आगोश में लेने के लिए मचलने लगता है. मै हमेशा सोचता था की दिवाली वास्तव में उस अंधकार पर विजय का त्यौहार है जिस पर हमेशा के लिए विजय हो चुकी है लेकिन अब देखता हूँ तो वही अंधकार हर दिशा में फैलता जा रहा है और हम अपनी आंखे बंद करके ये सोचते हैं की अभी प्रकाश बाकी है लेकिन जो जा रहा है उसको बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं करते शायद हम कल नहीं देख रहे हैं आने वाला वक़्त जब हमसे प्रश्न करेगा तब हम क्या उत्तर देंगे ये सोचना कोई नहीं चाहता.लेकिन जवाबदेही तो सभी की है.क्या ये नहीं हो सकता की हम इस अंधकार में जी रहे उन मासूमो को रौशनी दिखाने का प्रयास करें जिनके लिए शिक्षा का कोई महत्त्व नहीं या यूँ कहें की वो शिक्षा के महत्व को ही नहीं जानते अगर ऐसा है तो ये ज़िम्मेदारी हमसभी की है की उनको शिक्षित करने के लिए जो भी हो सकता है अपने स्टार से ज़रूर करें शायद यही हम सभी सच्ची दिवाली होगी !
आप सभी को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें !
आप सभी को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनायें !
आपका हमवतन भाई ..गुफरान सिद्दीकी (अवध पीपुल्स फोरम फैजाबाद)
दीपावली, गोवर्धन-पूजा और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteगुफ़रान भाई आपने सही कहा है जरूरी है कि शिक्षा का प्रकाशोत्सव मनाया जाए।
ReplyDeleteजय जय भड़ास
सही कहा आपने शिक्षा की रोशनी से ही सही अर्थों में दीवाली आएगी वरना राम तो कब के अयोध्या आए और अपने धाम चले भी गये हम हैं कि दिये ही जलाए पड़े हैं सदियों से....
ReplyDeleteजय जय भड़ास