बांए से दांए: मुनव्वर सुल्ताना, गुफ़रान सिद्दिकी, आफ़ताब खान
बांए से दांए:डा.रूपेश श्रीवास्तव, मुनव्वर सुल्ताना,फ़रहीन नाज़, गुफ़रान सिद्दिकी
गहरी गम्भीर बातों का अपना अंदाज़ है डा.साहब का जो कि कभी नहीं बदलता है। सबसे अलग सबसे जुदा....
लेकिन अंदाज भड़ासी ही रहता है तो अनायास ही किसी न किसी बात पर ठहाका फूट ही पड़ता है
सबका हंसी का निराला अंदाज है, मुनव्वर आपा, गुफ़रान भाई साथ में आफ़ताब भाई ही..ही..ही... करते हुए।
माउस के एक क्लिक से बने संबंध जो कि एक बिजली की बेहद सूक्ष्म चिंगारी से ज्यादा कुछ नहीं हो सकते थे लेकिन जब ये सूक्ष्मता भड़ास के मंच पर हो तब इसका रूप अत्यंत विराट हो जाता है और हम सब कम्प्यूटर से निकल कर बाहर आ जाते हैं। सूक्ष्म से विराट की इस महायात्रा में हम सब शरीक़ हैं ये महायात्रा इसी तरह चलते-चलते एक दूसरे के सुख-दुख बांटती रहे यही दुआ है। चाहती हूं कि सभी भड़ासियों से इसी तरह मुलाकातें होती रहें।
जय जय भड़ास
nice
ReplyDeletePHOTO DEKHKAR ACHCHHA LAGA........KABHI-KABHI SOCHTA HU KI PURA BHADAS PARIVAR EKSATH MILE TO KITANA BADHIYA HOGA.
ReplyDeleteमनोज भाई हंगामा हो जाएगा और क्या होगा :)
ReplyDeleteजय जय भड़ास
to kyun na rupesh bhai manoj bhai ki baat par ek hangama ho hi jai.
ReplyDeletefarheen plz send me photos.
ReplyDeleteगुफ़रान भाई आप आए और हम आपसे मिल न पाए इस बात का अफ़सोस है लेकिन प्रसन्नता है कि हम सब कम्प्यूटर से बाहर निकल कर मिल पा रहे हैं। तस्वीरों के लिये फ़रहीन बहन को धन्यवाद
ReplyDeleteजय जय भड़ास
हम भी अगली बार इस तस्वीर में घुसेंगे...
ReplyDeleteधन्यवाद फ़रहीन बहन जी
जय जय भड़ास