मनोज भाई आपको याद होगा कि पहले इस राक्षस ने विनम्रता का ढोंग करते हुए खुद को राक्षस स्वीकार लिया था लेकिन जब हम लोगों ने इसकी पोल खोलनी शुरू करी है तो अब खुद को मानव सिद्ध करने के लिये मरा जा रहा है जय नकलंक देव जय जय भड़ास
समझ मे नहीं आता अनोप मंडल की तुम लोग दुसरे की विनम्रता को ही क्यों देखते हो , तुम्हारे पास क्या है , और क्या अमित जैन को तुम जानते हो , क्या सारे जैन लोगो को तुम जानते हो , अगर तुम्हारे अन्दर इतना ही गुस्सा सारे जैन को ले कर है तो अपना थोबडा क्यों छिपा रहे हो , क्यों किसी परदे के पीछे से अपने मन की गंदगी सब को भेज रहे हो , तुम्हारे तो अगर बच्चे को दस्त भी लग गए तो वो भी जैन ने किया होगा और अगर तुम्हे दंत मे दर्द हो गया तो वो भी जैन ने ही किया होगा , यहाँ ब्लॉग पर कुछ भी हो तो वो भी जैन ने ही किया होगा , चलो मान लेते है की जैन ने किया , पर इस बात का तो उत्तर दो-- कैसे किया ?-तंतर से , मंतर से , या गरंथो को बदल के , या जादुई शक्ति से , अबे पागलो के समूह , तुम यहाँ सिर्फ कुते की तरह भोकने आते हो ,यहाँ तुम्हरे पास कोई भी सैधांतिक , सच्चा जवाब नहीं होता , तुम बार बार जैन को गली देते हो , अगर वो कहते है की ठीक है ,हमने आप की बात मान ली ,तो भी तुम्हारे पिछवाडे मे खुजली हो जाती है ,और अगर वे कहते है की इस मे सच नहीं है तो भी तुम खुजाना सुरु कर देते हो , अबे गुमनामी की पैदाइश तेरा तो ये भी नहीं पता किसी को- की तू कोण है ,और कहा से अपना जहर यहाँ भेज रहा है , अब मुझे पक्का यकीं है की तेरे दो चार लफंगे यार जरूर तेरी तारीफ माय जरूर आयेगे और अपनी औकात यहाँ धिकय्गे , उन सभी की टिप्पणियो के लिए अभी से मई इंतजार मे हु / आगे कुछ भी लिख तो किसी गुमनाम लेखक की नहीं ,किसी पर्शिध लेखक की किताब से दिखा / जा आज तुझे इतने पर ही माफ़ किया और रही बात किसी की वो मानव है या नहीं , तो इस बात का फैसला करने का हक़ तुझे किसने दिया ब.................द / वाह खाली स्थान भर लिया , वह तू तो बड़ा समझदार है ..................)
@ Rajkumar अबे ढक्कन तू अनूप मंडल के बारे में लिख रहा है क्या तेरा कोई चेहरा है या सुअर की औलाद अपना प्रोफ़ाइल तक सामने लाने का साहस नहीं है?हम सब कौन हैं ये तू देख ले लेकिन तू किस राक्षस की नाजायज पैदाइश है ये तो बता। जिस लेखक ने तुम्हें राक्षस बताया है वो भी तुममें से ही विभीषण जैसा ही है। जब तुम सब मर जाओगे या अपने राक्षसी कुकर्म छोड़ दोगे लड़ाई अपने आप समाप्त हो जाएगी जय जय भड़ास
देवता अनूप मण्डल की औकात नहीं कि किसी धर्म को चुनौति दे सके. यह उसकी भड़ास है को यहाँ निकाल रहा है. यह अच्छा भी है, वरना यह भड़ास किसी अन्य माध्यम से निकल कर समाज का अहित ही करती.
ISKA KOI UTTAR DE SAKTA HAI TO WAH KHUD AAP HAI SHRIMAN...
ReplyDeleteमनोज भाई मैंने अनूप और अमित की बातो का नहीं , अनूप और जैन धर्म की बातो का जिक्र किया है
ReplyDeleteमनोज भाई आपको याद होगा कि पहले इस राक्षस ने विनम्रता का ढोंग करते हुए खुद को राक्षस स्वीकार लिया था लेकिन जब हम लोगों ने इसकी पोल खोलनी शुरू करी है तो अब खुद को मानव सिद्ध करने के लिये मरा जा रहा है
ReplyDeleteजय नकलंक देव
जय जय भड़ास
समझ मे नहीं आता अनोप मंडल की तुम लोग दुसरे की विनम्रता को ही क्यों देखते हो , तुम्हारे पास क्या है , और क्या अमित जैन को तुम जानते हो , क्या सारे जैन लोगो को तुम जानते हो , अगर तुम्हारे अन्दर इतना ही गुस्सा सारे जैन को ले कर है तो अपना थोबडा क्यों छिपा रहे हो , क्यों किसी परदे के पीछे से अपने मन की गंदगी सब को भेज रहे हो , तुम्हारे तो अगर बच्चे को दस्त भी लग गए तो वो भी जैन ने किया होगा और अगर तुम्हे दंत मे दर्द हो गया तो वो भी जैन ने ही किया होगा , यहाँ ब्लॉग पर कुछ भी हो तो वो भी जैन ने ही किया होगा , चलो मान लेते है की जैन ने किया , पर इस बात का तो उत्तर दो-- कैसे किया ?-तंतर से , मंतर से , या गरंथो को बदल के , या जादुई शक्ति से , अबे पागलो के समूह , तुम यहाँ सिर्फ कुते की तरह भोकने आते हो ,यहाँ तुम्हरे पास कोई भी सैधांतिक , सच्चा जवाब नहीं होता , तुम बार बार जैन को गली देते हो , अगर वो कहते है की ठीक है ,हमने आप की बात मान ली ,तो भी तुम्हारे पिछवाडे मे खुजली हो जाती है ,और अगर वे कहते है की इस मे सच नहीं है तो भी तुम खुजाना सुरु कर देते हो , अबे गुमनामी की पैदाइश तेरा तो ये भी नहीं पता किसी को- की तू कोण है ,और कहा से अपना जहर यहाँ भेज रहा है , अब मुझे पक्का यकीं है की तेरे दो चार लफंगे यार जरूर तेरी तारीफ माय जरूर आयेगे और अपनी औकात यहाँ धिकय्गे , उन सभी की टिप्पणियो के लिए अभी से मई इंतजार मे हु / आगे कुछ भी लिख तो किसी गुमनाम लेखक की नहीं ,किसी पर्शिध लेखक की किताब से दिखा / जा आज तुझे इतने पर ही माफ़ किया और रही बात किसी की वो मानव है या नहीं , तो इस बात का फैसला करने का हक़ तुझे किसने दिया ब.................द /
ReplyDeleteवाह
खाली स्थान भर लिया , वह तू तो बड़ा समझदार है ..................)
@ Rajkumar
ReplyDeleteअबे ढक्कन तू अनूप मंडल के बारे में लिख रहा है क्या तेरा कोई चेहरा है या सुअर की औलाद अपना प्रोफ़ाइल तक सामने लाने का साहस नहीं है?हम सब कौन हैं ये तू देख ले लेकिन तू किस राक्षस की नाजायज पैदाइश है ये तो बता। जिस लेखक ने तुम्हें राक्षस बताया है वो भी तुममें से ही विभीषण जैसा ही है। जब तुम सब मर जाओगे या अपने राक्षसी कुकर्म छोड़ दोगे लड़ाई अपने आप समाप्त हो जाएगी
जय जय भड़ास
देवता अनूप मण्डल की औकात नहीं कि किसी धर्म को चुनौति दे सके. यह उसकी भड़ास है को यहाँ निकाल रहा है. यह अच्छा भी है, वरना यह भड़ास किसी अन्य माध्यम से निकल कर समाज का अहित ही करती.
ReplyDeleteएक राक्षस...