जरा इस तस्वीर पर नजर मारिये, ब्लॉग का स्पष्ट पता दिया हुआ है, साफगोई और इमानदारी से कही गई बात को कहने में जितनी जल्दी की गई उतनी ही जल्दी से हटा भी ली गई,
नैतिकता के पैमाने पर क्षद्मता पत्रकारिता की पहली निशानी है और बड़े से लेकर पुराने पत्रकारों से ये ही सीख कर आए पत्रकारों से इस से अधिक आशा भी आप मत रखिये,
भड़ास का भड़ास भड़ास जारी रहेगा।
जय जय भड़ास
बालक अग्नि ! ये महाफ़ट्टू लोग हैं जो पहले छिछ्छी कर देते हैं और जब गंधाता है तो लेकर रुमाल साफ़ कर देते हैं और फिर उसी रुमाल से मुंह पोंछते जिंदगी बिता देते हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास
आप लोग किसी भ्रम में जी रहे हैं
ReplyDeleteब्लॉग को नहीं हटाया गया, उसे पब्लिश करते वक्त हम एफआईआर कराने गए थे। इसलिए काम रुक गया था।
इस पोस्ट को हटा दें।
मित्रप्रव,
ReplyDeleteअब तक तो ये ब्लॉग दिख नहीं रहा और जिस तरह से इस ब्लॉग के लिंक को यहाँ वहां डाला गया है, ब्लॉग का नहीं खुलना बात तो सही ही है.
खुल कर आइये और बात कीजिये. अपने मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाइए और सच्चाई की लडाई में देखिये कितनो का साथ आपको मिलता है, वैसे याद होगा जब जेट के कर्मचारियों को निकला गया था तो मीडिया के साथ मीडिया की दलाली करने वाला वेब पोर्टल मीडिया के साथ सुर में सुर मिला रहा था, वस्तुतः दलाली की पत्रकारिता की वो शुरुआत थी जो नवीन पौध के सर पर पैर रख कर अपनी महत्वाकांक्षा को पूरी कर सके.
मिल कर आवाज उठाइए और लडीये .
जय जय भड़ास
भाई रजनीश न सिर्फ़ ब्लाग गायब है बल्कि इस प्राणी का कोई प्रोफ़ाइल तक उपलब्ध कराने में इसकी हवा तंग है और हमसे कहता है कि पोस्ट हटा दो। ऐसे लोग जिनमें मुंह दिखाने तक का साहस नहीं है पत्रकारिता में क्या मुंह पर घूंघट डाल कर मुजरा करने आते हैं?इनकी जगह पत्रकारिता में तो हरगिज नहीं है। आपको याद है न डा. रूपेश श्रीवास्तव कहते हैं कि "पतनात त्रायते इति पत्रकारः" यानि जो पतन से बचाए वह ही पत्रकार है लेकिन ऐसे लोग तो खुद ही पतित रहते हैं दूसरे को क्या बचाएंगे घंटा.......????
ReplyDeleteजय जय भड़ास
@ Voice of India, श्रीमान/श्रीमती/कुमारी/कुमार आप जो भी हैं रिपोर्ट दर्ज कराने जाते समय ब्लाग साथ में लेकर जाते/जाती हैं या पूरा साइबर संसार अपने पर्स में लेकर घूमते/घूमती हो। हमारा भ्रम क्या है ये तो आप ही दूर करें तब ही दूर होगा वरना हम सब सनकी और पगले भड़ासी इसी भ्रम मे भूत बनने की प्रक्रिया में चले जाएंगे लेकिन भड़ास फिर भी जारी रहेगा(क्षमा करें आपका लिंग नहीं पता कि आप स्त्रीलिंग हैं या पुल्लिंग या फिर लैंगिक विकलांग इसलिये सारे संबोधन करे हैं जो उचित लगे उसे स्वीकार लीजियेगा)
ReplyDeleteजय जय भड़ास