कल से आगे पढ़िये.......
इनके साथ साथ भड़ास से जुड़े सभी लोगों की जानकारी में ये बात ला दूं कि अनेक देशी-विदेशी विद्वान(?) ये बताते हैं कि हिन्दू शब्द हमें बाहर से आए लोगों ने दिया है तो छाती ठोंक कर कह सकता हु कि ऐसे लोगो कि विद्वता संदिग्ध है। बताया जाता है कि पारसियों के धर्मग्रन्थ अवेस्ता में वैदिक संस्कृत शब्दों के "सकार" का उच्चारण "हकार" होता है तथा वर्ग के चतुर्थ वर्ण के स्थान पर तृतीय वर्ण अर्थात "धकार" के स्थान पर "दकार" होकर वैदिक सिन्धु शब्द से हिन्दू बन गया है और कुछ उदाहरण भी देते हैं जैसे कि
वैदिक संस्कृत अवेस्ता
सोम = होम
असुर = अहुर
जबकि सत्य तो ये है कि अवेस्ता में हिन्दु या सिन्धु शब्द ही मौजूद नहीं है। फिर भी कुछ भाषा मदान्ध लोगों ने हिन्दू शब्द की उतपत्ति को ईरानी लोगों से जोड़ रखा है। पारसिओं के साहित्य में सबसे पहले हिन्दू शब्द " हप्त हिन्दू" के रूप में वेंदिदाद नामक ग्रन्थ में आया है। अवेस्ता के विद्वान स्वयं इस ग्रन्थ को अवेस्ता की तुलना में बहुत अर्वाचीन मानते हैं। पारसियों के एक अन्य ग्रन्थ 'शातीर' में एक रोचक प्रसंग है :-
अकनूं बिरहमने व्यास नाम आज हिन्द आमद बस दाना कि कल चुना नस्त यानि व्यास नामक एक ब्राह्मण हिन्द से आया जिसके बराबर दूसरा कोई अक्लमंद न था।
फ़ारसी भाषा वर्तमान ईरान की भाषा है जिसका मूल स्थान भी ईरान ही है। ईरान में भाषा के विद्वानो द्वारा बनाए शब्दकोश फरहंग एक अमीद देखिये जिसमें वे लिखते हैं कि यह शब्द "हिन्दू" पहलवी भाषा(ये फ़ारसी से प्राचीन ईराक की भाषा है) के शब्द 'हिन्दूक' से आया है। अरबी भाषा में हिन्दू शब्द इस्लाम के प्रवर्तक पैगम्बर मुहम्मद जी से १७०० साल पहले ही यानि आज से ३१०० साल पहले हुए प्रसिद्ध कवि लबि बिन अखतब बिना तुर्फ़ा की कविताओं का संकरलन अब्बासी खलीफ़ा हारुन रशीद के दरबारी कवि अस्माई मलेकुस शरा ने करा था ----
अया मुबारकेल अरज यू शैये नोहा मिलन "हिन्दे"........................................... व असनात अला ऊदन बहोबा मशएरतुन॥
मुहम्मद जी की पहली पत्नी खदीजा जी के पहले पति अतिक बिन ऐजाद से उनको दो सन्ताने हुई जिनमें लड़की का नाम हिन्द और लड़के का नाम अब्दुल्ला था। अबू सूफ़ियां (मुहम्मद जी का भतीजा) की पत्नी का नाम हिन्द था जो पैगम्बर मुआबिआह की माता थी। अरब में हिन्द नाम आज भी इतना प्रसिद्ध है कि लड़कियों के नाम हिन्द रखा जाता है।
शेष कल आगे.............
एक बात तो है कि आपकी इन तमाम जानकारियों से कुछ भला हो न हो लेकिन G.K. जरूर इम्प्रूव हो जाएगी पर इस तरह की जानकारियां जीवन में रोजी-रोटी के सवालों को हल करने में कहां काम आती हैं?
ReplyDeleteभाई(बहन,आप जो भी हों) आपने ये सब पढ़ने में काफ़ी समय व्यय करा होगा सो हम उसका सम्मान करते हैं क्या आप संक्षेप में नहीं बता सकते कि आप क्या कहना चाहते हैं और गुफ़रान भाई के पीछे क्यों पड़ गये हैं क्या हम बाकी भड़ासियों का पिछवाड़ा आकर्षक नहीं है?
जय जय भड़ास
साथी भडासी और मित्रों,
ReplyDeleteधर्म कर्म, पोंगे पाखण्ड से हट कर हमारे देश में आमलोगों के लिए बहुत से मुद्दे हैं,
क्या हम सब मिल कर अपनी सम्मिलित ऊर्जा का प्रयोग अपने वतन के लिए करेंगे ?
आस्था पर प्रश्न ना उठायें.
जय जय भड़ास