एक मेल से ये तस्वीरें आयी, बयां कर गयी भारत की तस्वीर, ऐ सलाम डॉगको गाली देने वाले हकीकत को तो स्वीकारो, ना भी स्वीकार तो मेरा क्या हम भडासी भड़ास भड़ास करते रहेंगे।
नजरे इनायत......
क्या सवारी है, कहीं देखी है ?
भारतीय रेल की दूरदर्शिता ..... दूकान और मकान साथ साथ , देश की देशी क्यूँकी गांधी जी ने ही तो कहा था स्वदेशी बनो। टी वी के लिए कुछ भी करेगा। हम प्रेमी, प्रेम के या किसी और के नज़ारे छाता के सहारे...... बिजली हो या ना हो तारों का जंजाल ये ही तो है हमारा भारत महान।
जय हो
जय जय भड़ास
अरे भाई ये हुई न जरा कस के भड़ास-भड़ास, मजा आ गया; हर तस्वीर साक्षात भड़ास है
ReplyDeleteजय जय भड़ास