क्या आप चाहते हैं कि मन की गंदगी को मन में ही रख कर सड़ाया जाए उसे बाहर निकाल कर समाप्त हो जाने का मौका न दें और मन में मासूमियत व निर्मलता आने ही न दें मन को कपटी और कुटिल ही बना रहने दें? अमित भाई!इसमें बुरा मत मानिये बस आपके धर्म के प्रति जानकारी नहीं है तो एक सवाल करा गया है लेकिन आप सवाल का सीधा उत्तर न देकर मुद्दे को टर्न कर देते हैं। उनकी मूल बात ये थी कि आपने लिखा था कि अगर इस्लाम के बारे में अनूप मंडल लिखे तो गांड फट जाएगी जिस पर उन्होंने अपनी बात रखी है। आप इस बात के साथ समुचित तार्किक उत्तर न देकर इन्हें भी खींच घसीट रहे हैं। आशा है कि आपका उत्तर मिलेगा। महावीर सेमलानी सचमुच भगोड़ा साबित हो रहा है अब इस बात का आप बुरा मत मानियेगा। कल फिर मिलते हैं मेरे रिलीवर महोदय आ चुके हैं.... जय जय भड़ास
आशाताई!फार आश्चर्य झाला तुम्हाला भड़ास वर बघुनच पर नक्की के काय चाललय याची खात्री तुम्हाला आहे का? मी रफ़ाई महाशय ला पर्सनली ओळ्खतो आणि हे इस्लाम चे इरफ़ानी प्रकार ला स्वीकारणारे सैय्यद अहमद रफ़ाई यांचे सिलसिले चे फक्कड़ स्वभावाचे मानुस असुन ही काही धार्मिक विवाद वाढ़ू नये म्हणुन मध्ये आले। हिंदूंची धर्मकथां मध्ये पण शक्ति चे काली स्वरूप चा वर्णन नग्नच केला आहे पण चित्र किंवा मूर्ति बनविताना गुप्तांगांचा निर्घ्रण प्रदर्शन करत नाही। दूसरी गोष्ट की "ईश्वर" आणि ’देवी-देवता" किंवा तीर्थंकर हे तुम्हाला वेग-वेगळे नाहीच कळतय। शेवट ची परंतू सर्वाधिक महत्त्वाची गोष्ट कि भड़ासी नागड़ेच आले आणि नागड़ेच जाणार। मराठी भाषा विसरली नसेल...... जय जय भड़ास
मन की जिज्ञासा हो तो किसी भी धर्म से सम्बद्ध तो उसका निवारण होना चाहिए, धर्म गुरु का ये ही तो कार्य है, मगर बदलते समय के साथ धर्म गुरु का धार्मिक दलाल होना आपको ही नहीं किसी को भी संकट में डालेगा. मुद्दों को धर्म से ना जोडें, ये आस्था मात्र है. जय जय भड़ास
kya Rafaee sahab kapade pahan kar paida hue the ya pehan kar jayenge. Eeshwar ko insano ke map dand nahee lagte bhaee.
ReplyDeleteक्या आप चाहते हैं कि मन की गंदगी को मन में ही रख कर सड़ाया जाए उसे बाहर निकाल कर समाप्त हो जाने का मौका न दें और मन में मासूमियत व निर्मलता आने ही न दें मन को कपटी और कुटिल ही बना रहने दें? अमित भाई!इसमें बुरा मत मानिये बस आपके धर्म के प्रति जानकारी नहीं है तो एक सवाल करा गया है लेकिन आप सवाल का सीधा उत्तर न देकर मुद्दे को टर्न कर देते हैं। उनकी मूल बात ये थी कि आपने लिखा था कि अगर इस्लाम के बारे में अनूप मंडल लिखे तो गांड फट जाएगी जिस पर उन्होंने अपनी बात रखी है। आप इस बात के साथ समुचित तार्किक उत्तर न देकर इन्हें भी खींच घसीट रहे हैं। आशा है कि आपका उत्तर मिलेगा। महावीर सेमलानी सचमुच भगोड़ा साबित हो रहा है अब इस बात का आप बुरा मत मानियेगा। कल फिर मिलते हैं मेरे रिलीवर महोदय आ चुके हैं....
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आशाताई!फार आश्चर्य झाला तुम्हाला भड़ास वर बघुनच पर नक्की के काय चाललय याची खात्री तुम्हाला आहे का? मी रफ़ाई महाशय ला पर्सनली ओळ्खतो आणि हे इस्लाम चे इरफ़ानी प्रकार ला स्वीकारणारे सैय्यद अहमद रफ़ाई यांचे सिलसिले चे फक्कड़ स्वभावाचे मानुस असुन ही काही धार्मिक विवाद वाढ़ू नये म्हणुन मध्ये आले। हिंदूंची धर्मकथां मध्ये पण शक्ति चे काली स्वरूप चा वर्णन नग्नच केला आहे पण चित्र किंवा मूर्ति बनविताना गुप्तांगांचा निर्घ्रण प्रदर्शन करत नाही। दूसरी गोष्ट की "ईश्वर" आणि ’देवी-देवता" किंवा तीर्थंकर हे तुम्हाला वेग-वेगळे नाहीच कळतय। शेवट ची परंतू सर्वाधिक महत्त्वाची गोष्ट कि भड़ासी नागड़ेच आले आणि नागड़ेच जाणार। मराठी भाषा विसरली नसेल......
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मन की जिज्ञासा हो तो किसी भी धर्म से सम्बद्ध तो उसका निवारण होना चाहिए,
ReplyDeleteधर्म गुरु का ये ही तो कार्य है, मगर बदलते समय के साथ धर्म गुरु का धार्मिक दलाल होना आपको ही नहीं किसी को भी संकट में डालेगा.
मुद्दों को धर्म से ना जोडें,
ये आस्था मात्र है.
जय जय भड़ास