न्यूक्लियर पावर कारपोरेशन आफ इंडिया लि। [एनपीसीआईएल] के मुताबिक महालिंगम किसी संवेदनशील प्रोजेक्ट पर काम नहीं कर रहे थे। गोपनीय दस्तावेजों तक उनकी पहुंच भी नहीं थी। कैगा से पहले महालिंगम कलपक्कम में मद्रास एटोमिक पावर प्रोजेक्ट [एमएपीपी] से जुड़े थे।
महालिंगम की तलाश के लिए गुरुवार को विशेष खोजी दल गठित किया गया था। कैगा 1000 एकड़ में फैले मल्लापुर जंगल से घिरा है और इसी जगह पुलिस अपना खोजी अभियान चला रही थी। पुलिस को पहले से ही आशंका थी कि महालिंगम नदी में डूब गए है।
विदित हो कि 47 वर्षीय महालिंगम सोमवार सुबह टहलने के लिए निकले थे लेकिन वह वापस घर नहीं लौटे। उसी दिन शाम में उनकी पत्नी विनयाकर सुंदरी ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। एमएपीपी में काम करते हुए भी वे एक बार लापता हो गए थे हालांकि कुछ दिन बाद वे स्वयं ही घर लौट आए थे।
dukhad ghatana.....
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