स्वर्गीय लल्लन जी अभियंता थे मगर बहुमुखी प्रतिभा के धनी और मातृभाषा के लिए समर्पित। १९८१ में जब मैथिली को अष्टम सूचि में शामिल करवाने के लिए मैथिल संघर्षरत थे तो लल्लन जी ने इसमें अपनी अग्रणी भूमिका निभायी। जमशेदपुर में मैथिली के अगुआ बने और लडाई को एक आयाम दिया। मधुबनी के प्रतिष्ठित वॉट्सन स्कूल ने भारत को कई विभूति दी और गर्वित हूँ की वाटसन परिवार का सदस्य होने के नाते इन विभूतियों का अनुज मैं भी हूँ।
प्रस्तुत है उनका लिखा वो गीत जो मैथिली के लिए हम में एक ऊर्जा का सूत्रपात करता है। मैथिली को उचित स्थान दिलाने के लिए हुए संघर्ष में लल्लन जी ने ये संकल्प गीत लिखा।
"संकल्प गीत "
संकल्प लिय संकल्प लिय
संकल्प लिय यौ,
बाजब मैथिलि
मिथिलाक लेल जियब यौ .....
संकल्प लिय .......२
शांतिमय प्रयास हमर ई ,
सुनिलिय देशक नेता.....३
सूचि अष्ठम में स्थान दियौ
आरो नय किछु कहब यौ ....
संकल्प लिय ........२ ।
लाखक लाख पत्र जाइत अछि
आंखि खोलि कs देखू .........३
आबि गेल समय इंदिरा जी ,
मिथिलाक मान राखू ...३
संघर्ष बढ़त जाँ बात ने मनबय
आरो ने हम सहब यै।
संकल्प ........३।
आभार कुसुम जी का जिन्होंने ये अनमोल मोती एक बार फ़िर से आम लोगों के सन्मुख रखा।
bahut achha lagaa hame adhik se adhik achhe logon ke baare me likhna chahiye bahut bahutunke liye hamaari or se bhi shardhanjali saveekar karen aabhaar
ReplyDeleteWe call him LPT ...being our eldest brother in law . His articulate personality is mind blowing ....and still gets goose bumps to read all his ....books and other write ups !!!
ReplyDeleteWe miss him a lot .....
Binny
LPT yaani ki lalan jii ko shardhaanjali, aise hi maithili putr hue jiske karan maithili ko sthaan mila.
ReplyDeleteaabhaar
sthaaniya bhasha ko badhawa dene ke liye hamesha veeron ki jarurat rahi hai,
ReplyDeletelallan jii bhii maithili veer the,
hardik shardhanjali.
nice
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