जबसे यूपीए सरकार को बहुमत मिला है..तभी से जैसे सारे लोग अंधे हो गए है , या यूँ कहिये की अंधभक्ति की नई परिभाषा गढ़ने के लिए लालायित नज़र आ रहे हैं। यही मीडिया कल तक दोनों क्या चारों मोर्चों के बिच कांटे की टक्कर बता कर जनता को गुमराह करने की पुरी कोशिश कर रहे थे..लेकिन अब यही लोग राहुल की जय हो..सोनिया की जय हो ..मनमोहन की जय हो में इतने नारे लगा रहे हैं की कान में दर्द हो गया है..अबे लल्लुओं कोई तो जनता जनार्दन की जय हो बोलो!! मगर नही , जनता की जय क्यों बोलोगे भैय्या ..यहाँ से कुछ मिलना-जुलना तो है नही..तो फिर काहे की जय जय कार! चाटुकारों सिर्फ़ कांग्रेस की जय बोलो तभी उनकी नज़रों में आओगे और अपने हिस्से की बेईमान कमाई पाओगे। जनता तो कल भी चुतिया थी और आज भी चुतिया ही मानी जा रही है। मेरा तो साफ - साफ मानना है की सिर्फ़ और सिर्फ़ जनता की जय बोलना चाहिए ..ये उसी जनता की ही दूरदर्शिता थी जो खिचडी सरकारों से तंग आ चुकी थी..इसलिए उसने उस गठबंधन को जिताया जो सरकार बनने के ज्यादा करीब थी..लेकिन भला इस बात का विश्लेषण करने की जहमत कौन उठाएगा ..कौन फ्री में अपना माथा खापयेगा ..सीधे -सीधे राहुल गाँधी की जय बोलो..सोनिया जी की जय बोलो ..मनमोहन महराज की जय बोलो तो हो सकता है की कुछ काम बन जाए...छोटे पार्टियों की बार्गेनिंग भी किसी से छुपी नही थी और वाम मोर्चा सिर्फ़ अपना एजेंडा लागु करना चाहता था..सो इन लोगों को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा..ये कोई कांग्रेस की लहर नही थी ..सिर्फ़ खिचडी सरकार न बन जाए इसका भय जनता को था..सो उसने वही किया जो एक जागरुक पढ़ा-लिखा और देश हित की इच्छा रखने वाला मतदाता कार सकता था...अब जनता भेड़ नही है और न ही सिर्फ़ भीड़ ..अब जनता समझदार है और अपना भला बुरा ख़ुद सोच सकती है। किसी पार्टी , नेता या लहर की बजाय सारा का सारा क्रेडिट देश की जनता को ही दिया जाना चाहिए !!
जय भड़ास जय जय भड़ास
वाह मनोज भैये,
ReplyDeleteखूब लिखा और जम कर लिखा.
लोक की जय
लोक तंत्र की जय
भारत की जय
जय जय भड़ास
तेल का धंधा जोरों पर है आजकल सब लगाने के लिये बड़ी-बड़ी बाल्टियां लिये खड़े हैं
ReplyDeleteजय जय भड़ास