हर ख्वाब की ताबीर बहुत मुश्किल है।
तामीर -ऐ -गजल मीर बहुत मुश्किल है।
रूखे- रौशन की वो रौनक बस सल्ले अला -
काम आए कोई तदवीर बहुत मुश्किल है॥
ख़त जलाकर मेरी यादों को मिटाने वाले -
न बने दिल में भी तस्वीर बहुत मुश्किल है ॥
हम खयालो में न हो मुमकिन ही नही-
प्यार की तोड़नी जंजीर बहुत मुश्किल है॥
मैं मुसब्बिर हूँ तेरी शक्ल बना लेता हूँ-
गर्मी- ऐ- साँस की तासीर बहुत मुश्किल है॥
मैं बहुत बार तेरे दर पे पहुँचता लेकिन -
बिन बुलाये मिले तौकीर बहुत मुश्किल है॥
डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल '' राही ''
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