अब मुंबई के रेडलाइट एरिया में सिर्फ़ मराठीभाषी औरतें ही धंधा करेंगी : राज ठाकरे (अतीत के पन्ने से.....)

आज तो सुअरपन की हद पार कर दी राज ठाकरे और उसके समर्थकों ने। पनवेल में मैं भाई डा.रूपेश के साथ आज जब सब्जी लेने के लिये बाजार गयी तो देखती क्या हूं कि पूरा बाजार म.न.से. के होर्डिंग्स से पटा पड़ा है जिन पर सभी लोगों से अपील करी गयी है कि आप लोग "आम" केवल मराठी भाषी लोगों की दुकानों से खरीदें साथ ही हिंदी भाषी आम विक्रेताओं को मार-धमका कर उनकी दुकानें बन्द करा दी गई हैं कि अगर उन्होंने आम बेचे तो उनकी दुकानो को तोड़ दिया जाएगा और आग लगा दी जाएगी। बेचारा वो आदमी जिसे गरीबी की मार ने पहले ही मार डाला है, जिसे अपना घर छोड़ कर हजारों किलोमीटर दूर परिवार से रह कर, फुटपाथ पर सो कर महज अपना परिवार जीवित रखने की चिन्ता रहती है वो लड़ नहीं सकता है उसे मराठी या हिन्दी बोलने वाला क्या कोई गूंगा भी मार सकता है क्योंकि वो पहले ही मरा हुआ है। मैं भड़ास के मंच से उस सुअर के पिल्ले,लेंड़ी राज ठाकरे से एक बात कहना चाह रही हूं कि मुंबई में एशिया का सबसे बड़ा रंडी बाजार हैं "कमाठीपुरा" उधर अपने समर्थकों के साथ जा कर बोर्ड लगवाए कि अब इस धंधे पर सिर्फ मराठीभाषी औरतें ही बैठेंगी और अगर किसी दूसरे प्रदेश की औरत बैठी तो उसे धंधा नहीं करने दिया जाएगा। इस काम की शुरूआत करने के लिये सबसे पहले ये सुअर अपने घर से मां-बहनों-बेटियों और बीबी को आगे लाने वाला है आखिर मराठी अस्मिता की रक्षा जो करनी है। अगर मराठीभाषी औरतें कम पड़ गईं तो खुद राज ठाकरे और म.न.से. के कार्यकर्ता लोगों को खुद अपनी पिछाड़ी परोसेंगे लेकिन किसी भी धंधे में हिन्दी बोलने वाले को घुस कर उस धंधे को मराठी लोगों से नहीं छीनने देंगे। महराष्ट्र में हर धंधे पर सिर्फ़ मराठी बोलने का अधिकार जो है।

2 comments:

  1. घाव में उंगली कर दी ....
    जय जय भड़ास

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  2. waah lantarani apa Kya baat kahi hai, such much agar aisa farman un sooaron ne nikal dia to zara sochie Bechari Marathi Aouraton ka kya haal hoga?
    waise salaah achhi hai.

    zulaikha jabeen
    Raipur chhattisgarh

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