joota confrence

3 comments:

डा.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

शिवेश भाई अब स्थिति ऐसी है कि हमारे जैसे जले-भुने लोग गम्भीर विषयों को मात्र व्यंग में ही व्यक्त कर पाते हैं। ये ध्यान रखना है कि हमें समस्याओं की तरफ़ इंगित करना तो है ही साथ ही उनके संभावित कारगर हल भी सोच कर लागू करवाना है
जय जय भड़ास

महेन्द्र मिश्र said...

बहुत खूब हैलमेट पहिनकर जाओ वरना जूते हा हा आनंद आ गया बधाई

मुनव्वर सुल्ताना said...

जल्द ही कोई मल्टीनेशनल कंपनी नेताओं के लिये जूता प्रूफ़ एक कवच बनाना शुरू कर देगी जो कि इनकी बेशर्मी को जरा भी चोट न पहुंचने देगा..
जय जय भड़ास

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