हिंदू नववर्ष पर महाराष्ट्र का पर्व "गुडी पाड़वा"

हिंदू नववर्ष के अवसर पर राजनेता भला क्यों मौका चूकते तो सबने अपने-अपने हिंदुओं के नजदीक होने का प्रमाण देने के लिये भरपूर कोशिश जारी रखी, झांकिया दर्शाती शोभायात्राएं स्कूलों से लाए गये बच्चे जो शायद आज घर पर रहना चाहते होंगे लेकिन मजबूरी है कि स्कूल कांग्रेस के भूतपूर्व सांसद का है तो फिर......
आखिर बूढ़े हो तो क्या....? खाते नहीं हो क्या? चलो खुशी... दिखाओ हमारा राज्य है
बेचारे स्कूली बच्चे मेकअप में रंगे शिवाजी बने बच्चे को शर्बत नहीं मिला क्योंकि नकली दाढ़ी-मूंछ गीली होकर खराब हो जाएंगी
नीचे चलने वालों को तो शर्बत भी मिल गया.....हमें तो कुछ भी नहीं..... ट्रक में सामान की तरह लादे गये बच्चे.......
ये सारा ड्रामा करा गया कांग्रेस के स्थानीय नेताओं की तरफ़ से.......
बहुत सारी तस्वीरें ली जा सकती थीं लेकिन मन भड़ास में उलझ गया। करीब एक लाख रुपए से अधिक के पटाखे जला डाले, दो हजार से अधिक लोगों की भीड़ जुटा डाली, जय भवानी-जय शिवाजी के साथ साथ मस्जिद के सामने से सैकड़ों भगवा ध्वज लिये हिंदू जनजाग्रति सभा के लोगों ने नारा लगाया ’जो हमसे टकराएगा चूर चूर हो जाएगा’..... इससे आप समझ सकते हैं कि मेरी मनोस्थिति कैसी हो गयी होगी कि ये नववर्ष का उल्लास है या मात्र भीड़ तंत्र का प्रयोग करके शक्ति प्रदर्शन करने का तरीका????? कल को हिजरी संवत के शुरू होने के दिन मुस्लिम नेता अपनी बारात लेकर निकलेंगे और मंदिर के सामने यही सब दोहराएंगे और फिर बस........... दिमाग खराब कर दिया..... बेकार ही गया मैं उधर चूतियों के बीच... :(
जय जय भड़ास

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