ये जख्म गहरा है ........

ये जख्म गहरा है
कोई मरहम दे दे ।
मेरी प्यास है बड़ी
कोई सागर दे दे ।
तिल तिल कर मर रहा
कोई एक उमर दे दे ।
अँधेरा गहरा रहा
कोई चाँद की नजर दे दे ।
ये जख्म गहरा है
कोई मरहम दे दे ।

4 comments:

  1. चलो ले लो भाई जो कुछ मांग रहे हो पर रोजगार मत मांगना,उधार मत मांगना और मुफ़्त में रहने के लिये मुंबई में घर मत मांगना....
    जय जय भड़ास

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  2. rojgaar ham batate hai aur agar aapako jarurat hai toaap boliye. waise mai mumbai me nahi delhi me hoon.

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  3. अरे भाई ज़ैनब आपा और मार्कण्डेय भइया ये आप लोग आपस में क्या चुटकियां ले रहे हैं। ज़ैनब आपा देखिये मार्कण्डेय भाई शायद आपके मज़ाक से नाराज़ हो गये हैं चलिये कान पकड़िये कवियों का मजाक बनाना अच्छी बात नहीं है....।
    जय जय भड़ास

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  4. Rupesh jee aisi baat nahi hai mai bhi majaak me hi kaha hai.

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