अभिषेक भाई मैंने आपको गुरूघंटाल जैसा संबोधन दिया उसके लिये तहेदिल से माफ़ी चाहता हूं। उसकी वजह समझ में आ गई है कि आप गुरू कहलाने की योग्यता से अभी बहुत दूर हैं इसलिये गुरूघंटाल ही सही आपके लिये अभी बहुत बड़ा संबोधन होगा। जब पहले आपने डा.रूपेश श्रीवास्तव पर लिखित रूप में एक अत्यंत गम्भीर आरोप लगाया और आपको ये पता चल गया कि ये गलतफ़हमी के कारण हुआ है तो तत्काल लिखित तौर पर उसी समय माफ़ी मांग लेने से आप छोटे नहीं हो जाते बल्कि आपका हम सबमें सम्माननीय स्थान और अधिक बड़ा हो जाता लेकिन आपने अपने दुराग्रह को पकड़े रख कर भाई डा.रूपेश को उनके लिये लिखे गये अत्यंत गंदी गालियों से भरे बेनामी कमेंट्स वाले पेज को प्रकाशित करने पर बाध्य कर दिया। तब पर भी आपने माफ़ी मांगने की जरूरत न समझी। दूसरी अत्यंत महत्त्वपूर्ण बात जो मैं सबको इस चित्र के द्वारा आपकी विद्वता का प्रमाण देना चाहता हूं वह ये हैं कि यदि कोई भी ऐसा बंदा जो कि ब्लागर है उसका कमेंट ब्लागर के चिन्ह के साथ प्रकाशित होता है लेकिन यदि किसी दूसरे जैसे कि वर्डप्रेस,वेबदुनिया आदि आदि के आई.डी. से कोई कमेंट दिया जाता है तो वह इस चिन्ह के साथ प्रकाशित होता है जो कि आपके नाम के साथ है। ध्यान दीजिये इस बात पर और हमारे ऊपर ये आरोप लगाना भी बंद करें कि हम आपके ऊपर आरोप लगा कर उसकी माला जप रहे हैं बस इतना बता रहे हैं कि आपने कहां गलती करी और उस गलती की माफ़ी मांगने में आप हिचकिचा क्यों रहे हैं?
जय जय भड़ास
2 comments:
मुनेन्द्र भाई बस भी करिये यार... लोग तभी तो भड़ास ज्वाइन करने से ही घबराते हैं कि अगर कहीं गलती से भी कोई गलती हो गयी तो साले भड़ासी जान के पीछे नहा-धो कर पड़ जाते हैं लेकिन ये तो भड़ास का अधूरा पक्ष है भड़ासी बड़ी-बड़ी गलतियों को माफ़ करके जहर पचा भी जाते हैं। मैं इस मुद्दे को निजी तौर पर समाप्त करने की इल्तजा करता हूं इस निवेदन के साथ कि यदि गलतफ़हमियां हो तो विमर्श से सुलझा ली जाएं....... उन्हें लिखने दीजिये माफ़ी आदि की जबरई न करें उन्हें खुद ही एहसास है तो क्या जरूरी है कि पोस्ट लिख कर माफ़ी मांगे? उससे क्या होगा.... सिवाय दुराव के कुछ नहीं हासिल होता मेरे भाई.....
अभिषेक भाई मुनेन्द्र भाई की उद्दंडता के लिये उन्हें माफ़ कर दीजिये।
जय जय भड़ास
सही बात है जाने दीजिये क्यों उन्हें आप बार बार माफ़ी मांगने की बात करके शर्मिन्दा कर रहे हैं लेकिन क्या अभिषेक भाई शर्मिन्दा हुए हैं अपने द्वारा लगाए गलत आरोप पर या अहंकारवश ढिठाई दिखा रहे हैं अगर ऐसा भी है तो अपने ही हैं न... छोड़िये जब डा.साहब ने खुद ही कह दिया..
जय जय भड़ास
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