अखिलेश भइया अगर अजनबी रास्ता पकड़ कर मुंबई पहुंच जाओ तो मुझे मोबाइल पर एक बार टुनटुना देना मैं आपको कंपनी देने आ जाउंगा फिर आराम से बतियाएंगे और मैं आते समय फ़ेविकोल लेता आउंगा ताकि टूटी आस को जोड़ा जा सके, ई ससुरी फ़ेविकोल की कंपनी हमरे पनवेल के नगीचन है मुंबई में..... :) जय जय भड़ास
अखिलेश भइया अगर अजनबी रास्ता पकड़ कर मुंबई पहुंच जाओ तो मुझे मोबाइल पर एक बार टुनटुना देना मैं आपको कंपनी देने आ जाउंगा फिर आराम से बतियाएंगे और मैं आते समय फ़ेविकोल लेता आउंगा ताकि टूटी आस को जोड़ा जा सके, ई ससुरी फ़ेविकोल की कंपनी हमरे पनवेल के नगीचन है मुंबई में..... :)
ReplyDeleteजय जय भड़ास
भाई अखिलेश,
ReplyDeleteतो चला जाए पनवेल.
सारी तलाश ख़तम हो जायेगी. आख़िर यारों के यार का आमंत्रण जो हो गया है आपको.
जय जय भड़ास