तुष्टीकरण ने गालिब निक्क्मा बना दिया ।
वरना हम भी आदमी थे बडे़ काम के।
मुंम्बई कांड ने भगवा बना दिया।
वरना हम भी सेक्युलर थे।
सच लिखते हैं तो सबको नागवार।
गुजरता है,हमारे गाँव में लाईट हफते में।
दिन में फिर रात में आता है दिन वाले।
पाली का फायदा उठाऊ तो हम बदनाम हो जाते।
हैं वो कत्ल भी करते हैं तो कुछ नहीं होता ।
कब तक अपने देश की दुर्गति देखें और सहे हम।
गरीब हैं तो क्या हुआ आखिर हम भी इन्सान हैं।
अगर आपकी नानी मरती हैं तो मरें।
आपकी भैंस रम्भाती है तो रम्भाये मै क्या करूं।
मैथ का टीचर हूं समाजशास्त्र व मुसलिम तुष्टीकरण से क्या मेरा लेना देना।
हमें कलाम नहीं चाहिये जिन्के साथ हजारों आतंकवादी फ्री हैं।
हम हिन्दू भोले हैं तो उसका कोई नाजायज फायदा नहीं उठा साकता।
बंधूवर,
ReplyDeleteबच्चों में राष्ट्रप्रेम, एकता और अखंडता, मानवता और इमानदारी की शिक्षा दीजिये.
बाकी आप समझदार हैं आख़िर गुरु जी जी ठहरे.
प्रेम सीखिए और सीखिए.
वैसे तनखाह के बदले कितना काम देते हैं सरकार को.?
जय जय भड़ास