रोंगटे खड़े कर देने वाले निठारी में दोसी करार दिए गये मोहिंदर और कोली को फासी की सजा सुनाई गयी
अदालत के एश फैसले से पीड़ित परिवार को जहाँ कुछ राहत मिली है वाही एश्सेस समाज में ये संदेश पहुंच है की न्याय में देर है पर अंधेर नही है
ज्ञात हो की फिछले चार साल से पीड़ित परिवार न्याय की उमीद लगाये बैठे थे अदालत ने दोनों को फासी की सजा सुनाई है एश फैसले के खिलाफ पंधेर और कोली का इश्के खिलाफ उच्च अदालतों में जाना चाहते है लेकिन वहा पर भी उनके किए गये कर्मों का फल जरुर मिलेगा,
न्याय में देर है पर अंधेर नही है
काश ऐसे ही हमारे जस्टिस आनंद सिंह का मामला भी अपने अंजाम तक आ जाए
ReplyDeleteजय जय भड़ास
जस्टिस आनंद सिंह को अगर उच्चतम न्यायालय में अपना पक्ष रखने दिया जे तो न्याय पर आस्था हो, ऐसे डुगडुगी से जुड़ीसियरी लोगों को भरमा रही बस.
ReplyDeleteजय जय भड़ास
सच कहा रजनीश भाई ये डुगडुगी और झुनझुने से ज्यादा कुछ नही है जो मासूम जनता को भ्रमित करने के लिये है
ReplyDeleteजय जय भड़ास