भड़ास ! एक ऐसा मंच जो आपके अंतःकरण में चल रहे विचारों को मुखर होने का जरिया प्रदान करता है। आपके सोच और काम करने की प्रक्रिया से मन में पैदा होने वाली कई अच्छी-बुरी बातों को औरों के साथ शेयर करने की सहूलियत भड़ास पर मिलती है। लेकिन जब तब आपकी बात का सन्दर्भ समाज हित, देश हित और मानवता के हित में न हो, तब तक ये भड़ास ! भड़ास न होकर सिर्फ़ व्यक्तिगत प्रलाप से ज्यादा कुछ नही है। यह तो ठीक ऐसा ही है जैसे आप किसी निर्जीव के सामने तमाम क्रियाएं करें और कोई प्रतिक्रिया न मिले। कभी कभी सामने वाला चैतन्य होकर भी आपकी बातो को अनसुना कर देता है जैसे निर्जीव! क्यूंकि आपकी क्रिया में वे तत्वा मौजूद नही हैं जिससे प्रतिक्रिया हो पाए। समाज शास्त्र और सब्द विज्ञानं को मिलकर एक सिद्धांत दिया गया- साधन का सिद्धांत! बहुतायत राजनेता इस सिद्धांत को फोल्लो करते हैं। सिद्धांत ये कहता है की जब तब सही सन्दर्भ में सही सब्दों का चयन कर सही समय पर न बोला जाए, तब तब विचार प्रभावहीन होता है। तभी तो राजनेता आए दिन अपने बयां बदलते रहते हैं और जनता उन पर विश्वास भी कर लेती है। कारन वही है की वे सही सन्दर्भ में सही सब्दों का चयन कर सही समय में बात को रख देते हैं। पत्रकारिता में भी ओपिनिओन लीडर के लिए कुछ सिद्धांत बनाये गए हैं। जैसे- टू वे कम्युनिकेशन थेओरी - जब तक दोनों तरफ़ से विचारों का आदान- प्रदान न हो तब तक संचार पूर्ण नही होता। यहाँ गौर करने वाली बात ये है की सिर्फ़ विचारों का आदान प्रदान ही नही अपितु दोनों के विचारों को समझाना भी महत्वपूर्ण बिन्दु है। आज पुरी मीडिया जमात ओन वे कम्युनिकेशन कर रही है, सरकारें भी इसी को फोल्लो करती हैं इसीलिए आम जनता की जरूरतें जस की तस् बनी हुई है। मीडिया जो चाहती है वही हमें देखना, सुनना और पढ़ना पड़ता है। ये विचारों का प्रवाह आम जनता के फैसले को बुरी तरह प्रभावित कर रही है जिसके नतीजे आपके सामने हैं। सभी बातों का निहितार्थ बस इतना है की किसी पर अपने विचार थोपने की चेष्टा न करें ! ये हमारे, आपके और पुरे समाज के लिए व्यर्थ होगा! वास्तव में समाज और राष्ट्र के लिए कुछ करना चाहतें हैं तो सबसे पहले ख़ुद को दोषरहित बनाएं तभी आम लोग आपकी बात को तरजीह देंगे। आप दारू की बोतल हाथ में लेकर लडखडाते कदमों से दूसरो को शराब न पीने की नसीहत देंगे तो भला कौन मानेगा?
सामने वाला तो यही कहेगा- अबे हल्लो कौन? पहले ख़ुद को पहचान कौन?
जय भड़ास जय जय भड़ास
सहमत हूं भाई आपकी बातों से भले ही इस सहमति से प्रशांत भाई का चित्त अशांत बना रहे
ReplyDeleteजय जय भड़ास
आप लोग समझीये इस आदमी की कुटिलता ये आदमी भड़ास को निशाना बना कर बदनाम करना चाहता है माडरेटर्स इस अराजक आदमी को बीमार-बीमार कह कर शह न दें।
ReplyDeleteजय जय भड़ास