"सच....?"
दुनियाँ और आप
एक दूसरे के लिए
"पहेली से हैं "
आप जो दुनियाँ को
अपना चाबुक मारें उसके पहले दुनियाँ
आपको चाबुक जड़ देगी
"झूठ .....!"
जी हाँ
सफ़ेद झूठ
की आप दुनियाँ को चला रहें हैं ...?
हाँ एक बात और
कुत्ता गाड़ी के नीचे रात भर चले
स्वामी भक्ति है
किंतु
बैल की बुराई न बताए कि
वो ही रात भर गाड़ी खींच रहा था ....!!
दुनियाँ और आप
एक दूसरे के लिए
"पहेली से हैं "
आप जो दुनियाँ को
अपना चाबुक मारें उसके पहले दुनियाँ
आपको चाबुक जड़ देगी
"झूठ .....!"
जी हाँ
सफ़ेद झूठ
की आप दुनियाँ को चला रहें हैं ...?
हाँ एक बात और
कुत्ता गाड़ी के नीचे रात भर चले
स्वामी भक्ति है
किंतु
बैल की बुराई न बताए कि
वो ही रात भर गाड़ी खींच रहा था ....!!
मुकुल भाई स्वागत है आपका...लेकिन भड़ासियों की फ़ेहरिस्त में आप दिख नहीं रहे हैं और पोस्ट कर पा रहे हैं ये माइंड-ब्लोइंग चमत्कार कैसे कर डाला,क्या कविता और पौडकास्टिंग के अलावा समय ने ये सब भी सिखा दिया, भाई हमे भी सिखा दीजिये :)
ReplyDeleteजय जय भड़ास
mykul jee kavitaa achhee lagee, likhte rahein, swaagat hai.
ReplyDeleteमुकुल जी,
ReplyDeleteस्वागत है आपका,
अभिवादन का प्रत्युत्तर अभिवादन ही,
उपस्थिति जारी रखें.
जय जय भड़ास