एक बार अटलबिहारी,
मुशर्रफ़,
मल्लिका शेरावत और
मार्गरेट थेचर,
एक साथ ट्रेन मे सफ़र कर रहे थे।
. ट्रेन एक सुरंग के अन्दर से गुजरी,
घना अन्धेरा छा गया।
अटल को पता नही क्या सूझी,
उसने अपने हाथ को चूमकर एक जोरदार आवाज निकाली
और एक जोरदार झापड़ मुशर्रफ़ के रसीद कर दिया।
सभी ने झापड़ की आवाज को सुना।
ट्रेन जब सुरंग से बाहर निकली,
सबने देखा,
मुशर्रफ़ अपने गाल को सहला रहा था,
सभी ने अलग अलग सोचा:
मुशर्रफ़ सोच रहा था,
अटल ने मल्लिका को किस किया होगा,
गलती से झापड़ मुझे पड़ गया।
मल्लिका सोच रही थी,
हो सकता है मुशर्रफ़ ने मेरे को किस
करने के चक्कर मे मार्गरेट थैचर को किस कर दिया हो
इसलिए पिटा।
मार्गरेट सोच रही थी,
ये मुशर्रफ़ भी ना,
गलत जगह हाथ डाल देता है,
मुझे किस करता तो,
कम से कम,
झापड़ तो ना पड़ता ।
अटल सोच रहा था :
अबकि बार सुरंग आएगी तो फिर से करूंगा।
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भाई मेरी कोई कमाई-धमाई तो है नही इस लिये जितना हंसा हूं उसका जुर्माना तो भर नहीं सकता इसलिये भड़ास के इस पन्ने पर उम्रकैद बिताने को तैयार हूं:)
ReplyDeleteजय जय भड़ास
आप को आप की मन वंचित सजा मुक़र्रर की जाती है ....:)
ReplyDeleteअमित भाई,
ReplyDeleteहास्य रस का बेजोड़ प्रस्तुतीकरण.
धन्यवाद, जारी रहिये.
जय जय भड़ास