भड़ासियों आप इतने भोले हैं कि बनिये की चालाकी को समझ नहीं पाये जबकि मैं ऐसे कमीनों की एक-एक नस समझता हूं। ऐसे ही लोग थे मुझे आपराधिक जीवन में ढकेल कर अपने काम साधने वाले क्योंकि इनमें खुद में न तो हिम्मत होती है और न ही ताकत तो ये किसी दूसरे से अपने काम करवा लेने में माहिर होते हैं। भड़ासी होने का मुखौटा लगाए बनिये ने भी सक्सेस मंत्रा नामक ब्लागर का इस्तेमाल करा ताकि भड़ासी साम्प्रदायिकता की आग बुझाने में उलझे रहें और वो धनिया की जगह घोड़े की लीद बेचता रहे। बड़ा शातिर है ये बनिया जिसने भड़ास तक को बेच लिया है और ये सक्सेस मंत्रा या तो उसके ही पिट्ठू हैं या उसके द्वारा भावना में फंस कर इस्तेमाल हो रहे हैं।
जय जय भड़ास
आप सही कह रहे हैं मुझे भी इस बात का एहसास हुआ है कि मुखौटाधारी बनियेराम इस बंदे की भावनाओं का इस्तेमाल हमें भरमाने के लिये कर रहे हैं ताकि हम उसकी बखिया उधेड़ना छोड कर इसमें उलझ जाएं।
ReplyDeleteजय जय भड़ास
तोलू लोगों से घिर गया है बनिया...बौखला गया है बनिया...भाट और चारणों ने घेर लिया है बनिये को...महानता का राग अलाप कर आशीर्वाद दे रहा है बनिया....भड़ास को बेच न पाया बनिया... हम लोगों ने भड़ास को पुनर्जन्म दे दिया तो पगला गया है बनिया....
ReplyDeleteजय जय भड़ास
जाने दीजिये वो हमारा अंदाज किसी भी तरह से बदल नहीं सकता है ये उसे भी खूब अच्छे से पता है।
ReplyDeleteजय जय भड़ास