यह कोई लेख नहीं है बल्कि एक मनोरंजक खेल है जो मैं चाहता हूं कि हम सब मिलकर खेलें। एक प्रश्न मेरे सामने है जो एक किताब पढ़ते हुए अचानक ही मेरे सामने आ गया। इसने मुझे इतना झकझोरा कि मैं किताब बीच में ही छोड़ कर अपना लैपटॉप खोल बैठा हूं।
यह प्रश्न हम सब को अपने आप से करना है और इसका उत्तर इसी कॉलम में देना है । आप इसे एक तरह का सर्वे ही समझ लीजिये । मुझे उम्मीद है कि हमें इसका उत्तर अपने अंदर ढूंढना और सबको बताना बहुत-बहुत अच्छा लगेगा । इससे भी अधिक, हमें आने वाले उत्तरों को पढ़ना सबसे अधिक अच्छा लगेगा । यह हम सभी के लिये अपने-अपने ढंग से लाभकारी भी हो सकता है! तो शुरु करें ?
प्रश्न - दो तीन मिनट शान्ति से बैठ कर अपने अन्दर झांकिये और फिर बताइये कि आप को अपने भीतर ऐसी कौन कौन सी शक्तियां / विशेषतायें / सामर्थ्य अनुभव होती हैं जिनका यदि आप समुचित विकास करें, सदुपयोग करें तो आप आने वाली पीढ़ी को बेहतर बनाने में, उसे एक बेहतर कल देने में कम या अधिक, पर सार्थक योगदान अवश्य दे सकते हैं। यदि आप अपने स्तर पर ऐसा कुछ कर पा रहे हैं तो कृपया हमें अवश्य बतायें । आप को कुछ अच्छा करने का प्रयास करते देख कर हमें भी कुछ प्रेरणा मिलेगी, कुछ करने का उत्साह जगेगा। यदि आप अभी तक कुछ विशेष नहीं कर रहे हैं पर कल से कुछ करने का संकल्प मन में जाग रहा हो तो भी हमें अवश्य बतायें। कहते हैं उत्साह ’छूत का रोग’ है। आपका उत्साह कुछ और लोगों को भी उत्साहित कर सकता है। है न?
दर असल अखवारों में अच्छी प्रेरणादायी खबरों के लिये स्थान जरा मुश्किल से ही निकल पाता है। टीवी को भी सनसनी फैलाने से या सास बहुओं के षड्यन्त्र दिखाने से फुरसत नहीं है। गूगल की कृपा से हमें अच्छी बातें कहने, सुनने और पढ़ने के लिये पर्याप्त स्थान उपलब्ध है तो क्यों न उसका सदुपयोग कर डालें।
सच जानिये, आपके बारे में जानकर, पढ़कर हमें बहुत अच्छा लगेगा। मैं बड़ी उत्सुकता से, आशा भरी निगाहों से आपके उत्तर की प्रतीक्षा कर रहा हूं। आशा है निराश नहीं करेंगे। । आपके बारे में, आपके प्रयासों के बारे में सारी दुनिया को बताने के लिये हम से जो भी बन पड़ेगा, हम अवश्य करना चाहेंगे।
सुशान्त सिंहल
सुशान्त भाई सच बताना है कि मुझे तो मेरे गुरू डा.रूपेश श्रीवास्तव ने जिबरिश ध्यान व विपश्यना के रास्ते से अपने भीतर झांकने की कला सिखायी है और मैंने जाना कि तंज़िया लेखन मेरी विशेष क्षमता है और मैं भड़ास पर आप सबके साथ हूं। आपने जो लिखा वह सभी भड़ासियों के लिये उपयोगी है देखिये कि किस तरह से भड़ासीजन प्रतिसाद देते हैं....
ReplyDeleteजय जय भड़ास
सुशान्त भाई वाकई उत्साह छूत का रोग है आप देखिये न कि एक डा.रूपेश ने कितनों में इस रोग का संक्रमण कर दिया और अब हम सब पुरज़ोर लगे रहते हैं अपनी भड़ास के माध्यम से सकारात्मकता लाने के प्रयास में..... मैं बहुत बीमार रहा करती थी कुछ साल पहले हाई ब्लड प्रेशर की मरीज थी लेकिन डा.साहब ने दो चार आयुर्वेदिक दवाओं के साथ भड़ास से जोड़ा और आज मैं बिना दवाओं के पूरी तरह स्वस्थ हूं और बस यही फ़रहीन बहन की तरह मुझे भी बड़ी उपलब्धि लगी है अब मैंने उर्दू में भी ब्लागिंग करना शुरू करा है जल्द ही उस पर उर्दू की वर्णमाला से लेकर गहरे साहित्य तक सब कुछ आपको देखने को मिलेगा.....
ReplyDeleteजय जय भड़ास
भाई सुशान्त जी मैं भी बताना चाहती हूं कि डा.रूपेश ने मेरे भीतर की संगठनात्मक क्षमता को बाहर लाया और अब मैं इसे मेरे जैसे लैंगिक विकलांग लोगों को जोड़ने में कर रही हूं ताकि कुछ सही अर्थों में रचनात्मक हो सके...
ReplyDeleteआपको साधुवाद इस विचार के लिये
जय जय भड़ास
जहां एक ओर आप सब को धन्यवाद देना चाहता हूं वहीं यह भी कहना चाहता हूं कि प्रश्न अभी भी अनुत्तरित ही है। अपने आस-पास देखिये और बताइये कि जो कुछ भी आज दिखाई दे रहा है, उससे बेहतर कल हो, इसके लिये कोई कार्ययोजना बना रहे हैं क्या ?
ReplyDeleteसुशान्त सिंहल
अवध पीपुल्स फोरम.....
ReplyDeleteसंयोजन समिति प्रथम बैठक का मिनट्स
22 नवम्बर 2008/ रेलवे कालोनी, फैजाबाद
1। शहर में काम की शुरुआत शहर को समझने के उद्देश्य से व्यापक स्तर पर शोध होगा l जिसको साथी गुफरान सिद्दीकी, शफीक साथियों के सहयोग से इस काम को करेंगे l
२.फैजाबाद एवं आस पास के एतिहासिक महत्त्व और साम्प्रदायिकता के सवाल पर फोरम की और से पर्चा निकला जायेगा। इस काम को करने में शहर के वरिष्ठ साथियों की मदद ली जायेगी।
३। जो बच्चे पढाई से दूर हैं और विभिन्न सार्वजानिक स्थानों पर काम कर रहे हैं उनको पढाई से जोड़ने के लिए शहर के सिविल लाइन,रेलवे स्टेशन,बस स्टाप और नवीन मण्डी में काम करने वाले बच्चों की सूचि बना कर उनको शिक्षा से जोड़ने का प्रयास किया जायेगा सूचि तैयार करने की ज़िम्मेदारी साथी गुफरान सिद्दीकी,इरफान और गुड्डू ने ली है.साथ ही साथ बच्चों के बचपन पर एक कविता छाप कर बँटा जायेगा.
४.समय-समय पर राजनीति एवं सामाजिक समझ का विकास करने के लिए फोरम की और से मुद्दे आधारित कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा. दिसम्बर की मासिक बैठक में इस पर बात होगी l
5।संस्कृति पहेल करने के उद्देश्य से साथियों की सूचि तैयार कर नाटक एवं गाने की कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा।6.सफाई के मुद्दे पर 26 जनवरी को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बनाया जायेगा l छेत्रों का चुनाव कर सुचना के अधिकार का प्रयोग करते हुए कर्मचारियों की सूचि एवं उपस्थिति की जानकारी मांगी जायेगी l
7. चार अलग-अलग स्थान (चांदपुर-अफज़ल/शफीक, पहाड़गंज-गुड्डू, सिविल-लाइन-अशोक और छावनी-राजू/आशीष) साथियों के साथ स्थानीय स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जायेगा l
8.जो भी लोग फोरम के साथियों के संपर्क में आएंगे उनकी सूचि तैयार की जायेगी.इसकी ज़िम्मेदारी संयोजन समिति की होगी l
9।फोरम के तमाम कामों को करने के लिए आने वाले खर्च के लिए समुदाय एवं सभी काम करने वाले साथियों से चंदा लिया जायेगा।
10।फोरम की मासिक बैठक का आयोजन प्रत्येक माह के तीसरे शनिवार को 4:00 से 7:00 बजे शाम तक ओ.पी.एस.एकेडमी निराला नगर में होगी lसंयोजन समिति सभी साथियों को इसकी सुचना देगी l
11.फोरम के लिए पत्र व्यव्हार का पता 'मुराद अली पहाड़गंज घोसियाना फैजाबाद-224001'फ़ोन पर संपर्क के लिए 'इरफान-9918069399' तथा इ.मेल के लिए ghufran.j@gmail.com पर साथियों से संपर्क किया जायेगा l
सुशांत भाई ये छोटा सा प्रयास हम लोग awadh pepuls forum के झंडे के निचे कर रहे हैं अब देखना है की इसमें आप सभी का योगदान कैसे मिलता है वैसे तैयार रहिये इंशा अल्लाह बहोत जल्दी सभी भड़ासी-जनों को मै अयोध्या फैजाबाद की धरती पर आमंत्रित करने की योजना बना रहा हूँ! अगर सब ठीक रहा तो जल्द ही हम अपने विचारों को यहाँ की अवाम के साथ बाँट सकेंगे ...!
आपका हमवतन भाई ......gufran...(awadh pepuls forum)
सुशान्त भाई,मैंने निजी तौर पर जो कार्य अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित करे हैं उनमें से एक है आयुषवेद परिवार को आर्थिक स्तर पर सबल बनाना ताकि जरूरतमंदों तक औषधियां निःशुल्क पहुंचायी जा सकें(अभी उत्पादन मूल्य लिया जाता है ये अलग बात है कि यह बाजार की कीमत से कई गुना कम होता है)। दूसरा कार्य लैंगिक विकलांग बच्चों को मुख्य सामाजिक धारा से जोड़ कर उनकी रचनात्मक शक्ति का बेहतर राष्ट्र के निर्माण हेतु कर पान्ने का गिलहरी-प्रयास कर रहा हूं। तीसरा कार्य भड़ास के मंच को अधिकतम लोकतांत्रिक विस्तार देकर सबल बनाए रखना जो कि सतत जारी है। चौथा कार्य उर्दू लिपि व भाषा/देवनागरी लिपि व हिंदी के विकास के लिये ब्लाग "लंतरानी" को सही स्थिति तक पहुंचाना......
ReplyDeleteजय जय भड़ास