रॉ यानि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग(RAW) और आई.बी. अब सूचनाओं की जानकारियों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही हैं जैसे कि वो मल-मूत्र से भरी हुई हंडिया हो कि एक दूसरे पर उछाल कर अपने हाथ साफ रखो। 29 दिसम्बर को होने वाली प्रधानमंत्री की विजिट के बारे में जो सुरक्षा अधिकारी लगे थे उन्हें तक इस हमले के बारे में राई-रत्ती भर खबर नहीं थी। अब जब सबको पता चल गया है कि सूचना थी कि आतंकवादी हमला होने वाला है तो सब एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं। मुझे तो इस बात से सिर दर्द हो रहा है कि क्या होता अगर हमारा असरदार सरदार मनमोहन सिंह टपक जाता.....। लेकिन होता क्या स्व. इंदिरा जी और स्व.राजीव जी के साथ भी तो ऐसा हुआ था, कुछ नहीं होता यार देश फिर अपने ढर्रे पर चलने लगेगा बस चार-छह दिन में.........
जय जय भड़ास
दीदी,
ReplyDeleteहमारे सारे तंत्र की असफलता है ये, आज राजनेता अग्रणी हो गए हैं जनता के लिए मगर भ्रष्टाचार और कामचोरी निकम्मेपन से पूरा देश परेशान है और इसके लिए सभी जवाबदेह हैं,
रा हो या खुफिया तंत्र, सेना हो या पुलिस प्रशासन, अपने ही निकम्मों से ये परेशान हैं, कामचोरी और भ्रष्टाचार के दल दल में धंसे इनसे उम्मीद न करो.
जय जय भड़ास