भाई भड़ासी जनों सक्सेस मंत्रा जी ने अटल बिहारी जी की कविता पोस्ट करी है लेकिन मुझ नादान को कविता की समझ तो है नही लेकिन अपनी-अपनी पसंद की बात है तो भूमिका दीदी की लिखी कविता आप लोगों की नजर कर रही हूं जरा इसे बाजपेयी जी की कविता से तुलना कर के भड़ासाना अंदाज में मजा लीजिये
http://bharhaas.blogspot.com/2008/11/blog-post_6702.html
बिटिया रानी,
ReplyDeleteअटल की कविता गुब्बारे का जनाजा है, और भूमिका का पंटर धरातल का हकीकत,
दुर्भाग्य की लोग हकीकत से मुंह मोड़ लेते हैं, आसमानी मिठाई ही लोगों को पसंद आती है.