जरा गौर से इस तस्वीर को देखिये, और कोशिश कीजिये की ये शख्सियत कौन हो सकता है, ये एक प्रश्न है, एक पहेली तमाम बुद्धिजीवी के लिए, तमाम अल्पजीवी के लिए, तमाम वरिष्ठ और कनिष्ठ पत्रकारों के लिए, मठ के मठाधीशों के लिए उनके लिए भी जो अपने आपको समाज का पैरोकार मानते हैं और दंभ भरने से नही थकते।
उत्तर आपको मिलेगा मगर पहले आपके उत्तर की प्रतीक्षा है, और आप लोगों के उत्तर से ही उत्तर भी सम्भव है। सो बस सिर्फ़ पहचान बता दें।
ये एक ऐसी पहेली है जो पत्रकारों के चेहरे से पत्रकारिता का नकाब हटा सकती है, मठाधीशों की मठाधीशी का पोल खोल सकती है, और संग ही तमाम स्वम्भू बुद्धीजीवियत को बेनकाब करने में सक्षम है।
भाई अगर इस बात पर किसी ने चूं ही करी तो बड़े-बड़ों की चड्ढियां संकट में आ जाएंगी और वैसे ही साले मुखौटॆधारी सह्य बने छिछोरे इस महान हस्ती के बारे में क्या कहेंगे और किस मुंह से कहेंगे? इन पर कुछ बोलने के लिये आदमी में एक ठोस चरित्र और गुर्दा होना चाहिये। पोकल हड्डी वाले क्या बोलेंगे.....
ReplyDeleteजय जय भड़ास
रूपेश जी किसी सच से घबडाने वालो मे से कम से कम हम नही। लीजिये आ गये यहाँ भी।
ReplyDeleteपर कसम से कुछ समझ नही आया।